भारत मे बैंको द्वारा मुखतः दो तरह के लोन दिए जाते हैं। (2 Types Of Loans In India)
1. Secured Loans
2. Unsecured Loans
इन दोनों को लोन के जरूरत के हिसाब से बाँटा गया है, Secured Loans मे बैंको या मनी लैन्डिंग कॉम्पनियों द्वारा किसी प्रकार की संपत्ति लोन की सुरक्षा के रूप में गिरवी रखी जाती है। वही Unsecured Loans के केस मे किसी प्रकार की संपत्ति लोन की सुरक्षा के रूप में गिरवी नहीं रखी जाती है। आज के इस पोस्ट मे हम इसी के बारे मे जानकारी देंगे कि भारत मे आप कितने तरह का लोन ले सकते हैं? (Different Types Of Loans In India) तो आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढिए।
Secured Loans
Home Loan : होम लोन
होम लोन आपको अपने सपनों का घर खरीदने या बनाने के लिए धन देता है।
भारत में कई प्रकार के होम लोन दिए जाते हैं जैसे – जमीन खरीदने के लिए लोन, घर बनाने के लिए, टॉप-अप लोन ये सभी होम लोन के श्रेणी मे आते हैं। होम लोन आपकी आय और आपकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से तय होता है की आप कितने रुपये तक का होम लोन ले सकते हैं।
Loan against property (LAP) : संपत्ति पर लोन
अगर आप संपत्ति के मालिक हैं, जैसे आपका अपना मकान है, आप कोई व्यावसायिक या औद्योगिक संपत्ति के मालिक हैं तो इस संपत्ति को गिरवी रख कर भी लोन ले सकते हैं।
इस केस पूरे संपत्ति के मूल्य का 50% से 60% तक लोन मिल सकता है।
Gold Loan : गोल्ड लोन
सोना (Gold) हमेशा से सबसे पसंदीदा और सबसे सुरक्षित संपत्ति मे से एक रहा है। गोल्ड लोन मे सोने के गहनों के बदले में लोन दिया जाता हैं। यह सबसे Secured Loans मे से एक है। यहाँ ग्राहक लोन के बदले मे सोने के गहने गिरवी रखता है।
Loans against Mutual funds and Shares : म्यूचूअल फंड और शेयर लोन
म्युचुअल फंड और शेयर भी सुरक्षित संपत्ति मे से एक है। म्युचुअल फंड और शेयर को भी लोन के बदले मे गिरवी रखा जाता है। जब आप म्युचुअल फंड और शेयर के बदले लोन लेते हैं तब शेयरों के कीमत के बराबर लोन मिल सकता है।
Loans against Insurance Policies : इन्श्योरेन्स पॉलिसी पर लोन
आप अपने इन्श्योरेन्स पॉलिसी या LIC पॉलिसी पर भी लोन ले सकते हैं। हालांकि, आप सभी इन्श्योरेन्स पॉलिसी पर लोन नहीं ले सकते हैं।
Unsecured Loans
Personal Loans : पर्सनल लोन
पर्सनल लोन एक तरह का Unsecured Loans होता है। आप बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे अपने पर्सनल खर्चों को कवर करने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं। पर्सनल लोन मे आपकी आय, खर्चे और क्रेडिट स्कोर को देखकर पर्सनल लोन दिया जाता है। आज के समय मे आप बैंक के साथ-साथ प्राइवेट कॉम्पनियों या मनी लैन्डिंग एप से भी इंसटेंट पर्सनल लोन ले सकते हैं।
Flexi Loans : फ्लेक्सि लोन
फ्लेक्सि लोन मे आप उतने ही लोन के पैसों पर व्याज देते हैं, जितना आप खर्च करते हैं।
Education Loans : शिक्षा लोन
एजुकेशन लोन उन छात्रों के लिए होता जो आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन पैसों के अभाव के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं। Education Loan छात्रों के कोर्स की फीस तो कवर करता ही है। इसके साथ मे और भी खर्चे जैसे रहने-खाने का खर्च और एग्जाम फीस के खर्चों को भी कवर करता है।
Vehicle Loans – वाहन लोन
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि वाहन लोन आपको अपने सपनों का वाहन खरीदने के लिए लोन प्रदान करते हैं। वाहन लोन के समय बैंक आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और दूसरा लोन चल रहा है तो उसके EMI के आधार पर तय करती है की आपको कितना वाहन लोन मिल सकता है। वाहन लोन लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ज्यादा होना चाहिए, अगर इससे कम है तो बैंक आपको ज्यादा व्याज वाला प्लान बताते हैं।
आज के इस पोस्ट हमने आपको बताया की भारत में कितने तरह का लोन ले सकते हैं? (Different Types Of Loans In India) Secured Loans और Unsecured Loans मे क्या अंतर है? Secured Loans और Unsecured Loans कितने तरह के होते हैं?
उम्मीद करता हूँ कि यह जानकारी (Different Types Of Loans In India) आपको जरूर पसंद आई होगी।
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