अगर आप समय से पहले Personal Loan बंद करवाना चाहते हैं तो, जानिए क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ेगा?

अचानक पैसो की जरूरत पड़ जाने पर पर्सनल लोन (Personal Loan) बहुत काम आता है। पर्सनल लोन के लिए आपको कोई गारंटी या सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसका मतलब यह है कि आप बिना कुछ गिरवी रखे पर्सनल लोन का लाभ उठा सकते हैं। पर्सनल लोन में मिले पैसों से आप निजी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

आज के समय में पर्सनल लोन की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देश के अधिकतर बैंकों ने पर्सनल लोन लेने की प्रक्रिया बहुत आसान बना दी है। कुछ कुछ बैंकों से तो पर्सनल लोन आपको तुरंत मिल जाता है। लेकिन पर्सनल लोन लेना जितना आसान होता है उतना आसान इसे बंद करवाना नहीं होता है। आप 2 तरीकों से बंद कर सकते हैं पर्सनल लोन।

रेगुलर क्लोजर

इस केस में आप तय समय तक हर महीने अपनी EMI का पेमेंट करते हैं। EMI पूरी हो जाने के बाद आखिरी किश्त का पेमेंट होते ही आपका पर्सनल लोन अपने आप बंद हो जाता है। इसमें आपको पर्सनल लोन बंद करने के लिए बैंक या कस्टमर केयर से भी बात करने की जरूरत नहीं पड़ती है। लोन बंद होने का कन्फर्मेशन आपके फोन या ईमेल पर आ जाता है।

रेगुलर क्लोजर से क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

पर्सनल लोन के रेगुलर क्लोजर से क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता है। क्यूंकी आपने हर महीने अपनी EMI का पेमेंट तय समय पर किये हैं। यह आपके क्रेडिट रिपोर्ट में जरूर दिखता है लेकिन आपके क्रेडिट स्कोर में कोई बदलाव नहीं आता है। कई केस में अगर आप सही समय पर लोन के EMI को पेमेंट करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर में बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है।

प्री-क्लोजर

पर्सनल लोन की अवधि खत्म होने से पहले जब आप इसका पूरा पेमेंट करके लोन को समय से पहले बाद करना चाहता है तो इसे प्रीक्लोजर कहते हैं। इस केस में बैंकों के लॉकइन पीरियड अलग-अलग होते हैं, इस लॉकइन पीरियड से पहले अगर लोन क्लोज करवाते हैं तो कुछ बैंक लोन प्रीक्लोजर पर चार्ज लेते हैं जबकि कुछ ऐसे भी बैंक हैं जो प्रीक्लोजर पर चार्ज नहीं वसूलते हैं।

प्री-क्लोजर से क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

अधिकतर बैंक आपको पर्सनल लोन के प्रीपेमेंट की सुविधा देते हैं। अगर आप पर्सनल लोन का प्री-क्लोजर कर देते हैं तो आप काफी समय और पैसा बचा सकते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी बैंक हैं जो लोन प्रीक्लोजर पर चार्ज भी लगाते हैं जो कि लगभग 2% से 5% तक हो सकती है। ऐसे में अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आप लोन प्री-क्लोजर का ऑप्शन चुन सकते हैं। इस केस में लोन प्रीपेमेंट करने से आपका क्रेडिट स्कोर और बूस्ट हो सकता है।

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