कई लोग Loan Settlement को Loan Closer समझ लेते हैं, जबकि दोनों अलग-अलग होते हैं। ये दोनों आपके CIBIL Score पर अलग प्रभाव डालते हैं।
अगर आप अपने लोन के EMI को टाइम पर भरते हैं तो लोन अवधि समाप्त होने के बाद लोन अकाउंट अपने आप बंद हो जाता है।
फिर यही जानकारी क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को भेजी जाती है, जिससे आपके CIBIL Score पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
Loan Settlement तब होता है जब किसी वजह से लोन के EMI को टाइम पर न भर जाए और अवधि समाप्त होने से पहले लोन अकाउंट बंद करवा दिया जाता है।
फिर यही जानकारी क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को भेजी जाती है, जिससे आपके CIBIL Score पर बूरा प्रभाव पड़ता है।
अगर आप one-time loan settlement का ऑप्शन चुनते हैं तो आपको लोन का बकाया राशि एक बार में जमा करना होगा, पेमेंट करने के बाद बैंक आपका लोन अकाउंट बंद कर देते हैं।
इस केस में बैंक क्रेडिट ब्यूरो को आपके लोन अकाउंट को "settled" के रूप में रिपोर्ट करते है।
यह तब होता है जब कोई लोन के EMI को भरने में सक्षम न हो, ऐसे में आपके क्रेडिट रिपोर्ट पर बूरा असर पड़ता है और आपका CIBIL Score 75 से 100 अंक तक घट सकता है।
Loan Settlement से बचने के लिए आप अपने EMI को टाइम पर भरे, जिससे आपका CIBIL Score अच्छा बना रहे।